पार्टी के बारे में

सभी देशवासियो को सादर प्रणाम। जैसा कि आप सभी देशवासी जानते है कि आजादी की लडाई जिन उद्देश्यो को लेकर लडी गयी थी वो उद्दैश्य आज भी अधूरे है। क्राँन्तिकारियो ने जो सपना देखा था कि आजादी के बाद का भारत कैसा होगा और हम आजादी के 75 सालो बाद भी उनके एक भी सपने को पुरा नही कर पाये। आजादी के 75 सालो बाद भी हमारे देश के कर्णधारो ने उन उद्देश्यो को प्राप्त नही किया। आप भी देश के बारे मे सोचते है समझते है और चिन्तन करते है तो आज वर्तमान समय मे हमारे देश के कर्णधारो ने लोकतंत्र की अवधारणा को इतना विकृत कर दिया है। जिसके परिणाम स्वरूप वास्तविक प्रभुसत्ता जनता मे निहित ना होकर मुठ्ठी भर लोगो के हाथो की कठपुतली हो गयी है। इसलिये हमे ""जन सहारा पार्टी "' की स्थापना करनी पडी। "'जन सहारा पार्टी"" का उद्देश्य जनता को शासन शक्ति का वास्तविक हकदार बनाकर संविधान मे निहित स्वतंत्रता के वास्तविक स्वरूप को प्रतिष्ठित करना है।


                                                        सभी देशवासियों को सादर प्रणाम

जैसा कि आप सभी जानते हैं, आजादी के लिए हुई घोषणा के जो उद्देश्य थे, वे आज भी अधूरे हैं। क्रांतिकारियों ने जो सपना देखा था   की आजादी के बाद का भारत कैसा होगा, हम आजादी के 75 सालों के बाद भी उनके किसी भी सपने को पूरा नहीं कर पाये हैं।

क्यों का क्यार है की 75 साल के आजाद के बाद भी हमारे देश के कर्णधारों ने चाहीं की उन उद्देश्यों को प्राप्त नहीं किया। यह कार्णधार केवल ही प्रजातांत्रों के एक प्रकार्ड हैं।

आज वर्तमान समय में हुमारे देश के कर्णधारों ने लोकतंत्रक की अवधारणा को जो प्रक्षिप और ग्राहयाक माना जाना चाहिए, उसे इतना विकृत कर दिया है कि वास्तविक प्रभुसत्ता जनता में निहित ना होकर मुठ्ठी भर लोगों के हाथों की कठपुतली हो गई है।

इसीलिए होमें "जन सहारा पार्टी" की स्थापना करनी पड़ी। "जन सहारा पार्टी" की प्रमुख प्रणालीं निम्नलिखित करनी चाहिए की जनता को शासन शक्ति का वास्तविक हकदार बनाकर संविधान में निहित स्वतंत्रता के वास्तविक स्वरूप को प्रतिष्ठित करना है।


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